मुंबई। जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी के बॉन्ड इंडेक्स में भारत के शामिल होने से देश के ‎निजी क्रेडिट बाजारों को फायदा होगा क्योंकि निवेश के लिए बेंचमार्क प्रदान करके भारत ज्यादा फंड के फ्लो का आकर्षित कर सकता है। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में बीपीईए क्रेडिट ने यह अनुमान जताया है। बीपीईए क्रेडिट के एक व‎रिष्ठ अ‎धिकारी ने कहा ‎कि यह समावेश देश के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी ऋण बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें अन्य परिसंपत्ति वर्गों पर भी प्रभाव पड़ेगा। एक बार 28 जून को परिवर्तन प्रभावी हो जाएगा, तो सिंगापुर, कोरिया या अमेरिका में निवेश के साथ भारतीय क्रेडिट फंड के प्रदर्शन की तुलना करना आसान हो जाएगा। यह उन विदेशी निवेशकों के लिए एक संदर्भ बिंदु देता है जो सॉवरेन और कॉरपोरेट बॉन्ड और अन्य परिसंपत्ति वर्गों दोनों को देखते हैं। अ‎धिकारी ने कहा ‎कि 2011 में स्थापित बीपीईए क्रेडिट ने भारत में 1 अरब से ज्यादा का निवेश किया है। निवेशकों ने पहले ही इंडेक्स में शामिल होने के योग्य सॉवरेन बॉन्डों में अरबों डॉलर का निवेश कर दिया है, जिससे कॉर्पोरेट नोटों पर यील्ड कम करने में मदद मिली है। इसका गैर-बैंक ऋण के तेजी से बढ़ते बाजार पर प्रभाव पड़ता है।